Pravakta

  • दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप   *”जन आंदोलनों का उद्देश्य किसी भी देश के सिस्टम में बैठे हुए चंद ताकतवर लोगों व राजनेताओं के अहंकार को चूर-चूर करते हुए, गहरी नींद में सोये हुए या फिर गूंगे-बहरे हो चुके कर्ताधर्ताओं व पूरे सिस्टम को जगाकर के एक बार फिर से आम जनमानस के हितों के […]
  • विश्व पर्यावरण दिवस (05 जून) पर विशेषडॉ. संतोष सारंगमुजफ्फरपुर, बिहार ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार घातक कारकों में सड़कों पर दौड़ाने वाले वाहनों की बेतहाशा बढ़ती संख्या एक प्रमुख कारक है. सार्वजनिक वाहनों को छोड़ कर जानलेवा व दूषित कणों को उत्सर्जित करने वाली निजी गाड़ियों का उपयोग लोगों का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा […]
  • सिमरन कुमारीमुजफ्फरपुर, बिहार बाल विवाह हमारे देश व समाज के लिए दंश है. कम उम्र में ही लड़कियों को विवाह के सूत्र में बांधकर उसके तन-मन और भविष्य से खिलवाड़ आज भी कुछ पिछड़े व गरीब समाज में व्याप्त है. इन लड़कियों से उनके जीने का अधिकार छीना जा रहा है. कम उम्र में शादी […]
  • दूध का मनुष्य जीवन में सदियों सदियों से बहुत ही महत्वपूर्ण व अहम स्थान रहा है, क्यों कि दूध ही एक ऐसा पदार्थ है जो जन्म के बाद मनुष्य का सबसे पहला भोजन होता है, इसलिए दूध की जीवन में अपनी महत्ता रही है‌।नवजात शिशु के लिए मां का दूध सभी पोषक तत्वों और प्रतिरोधक […]
  • संत कबीर जन्म जयन्ती- 04 जून, 2023 के उपलक्ष्य में– ललित गर्ग –जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरूप रूढ़ियों एवं आडम्बरों में जकड़ा एवं अधंकारमय था तब कबीर एक रोशनी बनकर समाज को दिशा दी। वे अध्यात्म की सुदृढ़ परम्परा के संवाहक थे। एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांधता से जनता त्राहि-त्राहि कर रही […]
  • हे सरदारों के सरदार! राजाओं के राजा तथा भारत उद्यान की क्यारियों के माली व्यवस्थापक। हे रामचन्द्रजी के ह्रदय के चैतन्य अंश! तुमसे क्षत्रियों की ग्रीवा गौरव से ऊँची है l तुमसे बाबर वंश की राज्य लक्ष्मी अधिक प्रबल हो रही है। तुम्हारा भाग्य तुम्हारा सहायक है। भाग्य के युवक और बुद्धि के बूढ़े जयशाह […]
  • अनाज उत्पादन के मामले में भारत विश्व का एक आत्मनिर्भर देश है और आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के किसान अपनी जरूरत से कहीं अधिक अनाज पैदा करते हैं‌। आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार वर्ष  2021-22 में भारत में कुल अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन हुआ। इसके अलावा जानकारी देना चाहूंगा कि प्रथम […]
  •  – ललित गर्ग –कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत में मोदी-विरोध में कुछ भी बोले, यह राजनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन वे विदेश की धरती पर मोदी विरोध के चलते जिस तरह के गलत बयान देते रहे हैं, वह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को ही दर्शाता है। आखिर कब राहुल एक जिम्मेदार एवं विवेकवान नेता […]
  • – योगेश कुमार गोयलउड़ीसा के बालासोर में 2 जून की शाम को हुए भीषण ट्रेन हादसे में करीब तीन सौ लोग मारे गए हैं और एक हजार से भी ज्यादा घायल हुए हैं। इस हादसे में कोलकाता से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी और इसी बीच यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस वहां आ […]
  •  आत्माराम यादव पीवदुनियाभर के नरों को हाजिर-नाजिर मानकर मैं अपने दिमाग के कबूतरखाने में नारी ओर नर के पुरूषार्थ और प्रतिभा का लोहा मानते हुये प्रचलित कहावत ‘‘नारी निंदा न करों, नारी नर की खान‘‘, ‘‘नारी के बिना नर      अधूरा है‘‘ आदि मान्यताओं के पीछे छिपे भावों का सच प्रगट करने जा रहा […]
  • भारतीय मूल के नागरिकों का भारत से पलायन प्रमुख रूप से तीन खंडकालों के दौरान हुआ है। प्रथम, वर्ष 1833 में भारतीय मूल के नागरिकों को बड़ी संख्या में (लगभग 15 लाख) दक्षिणी अमेरिका एवं केरिबियन देशों में श्रमिकों के तौर पर भेजा गया था। उस समय भारत पर ब्रिटेन का प्रशासन चल रहा था। […]
  • वैशाख पूर्णिमा इस बार 5 मई 2023 को है, इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है, इसे बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी देना चाहूंगा कि गौतम बुद्ध को एशिया का प्रकाश (लाइट ऑफ एशिया) कहा गया है। उनका जन्म नेपाल […]
  • बुद्ध जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, वेसाक या हनमतसूरी समूचे भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण, आस्था जन्य और उल्लासपूर्वक मनाया जाने वाला पर्व है। विश्व के अनेक भागों में फैले हुए हिंदू, बौद्ध इस पर्व को वेसाक (हिंदू कैलेंडर के वैशाख का अप्रभंश) के नाम से भी जानतें हैं। भगवान् बुद्ध के अवतरण के संग संग […]
  • विश्व नृत्य दिवस- 29 अप्रैल 2023-ललित गर्ग – अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस पूरे विश्व में 29 अप्रैल मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई।  ‘बैले के शेक्सपियर’ की उपाधि से सम्मानित एक महान् रिफॉर्मर एवं लेखक जीन जार्ज नावेरे के जन्म दिवस की स्मृति में यूनेस्को के अंतर्राष्ट्रीय थिएटर इंस्टीट्यूट […]
  • -ललित गर्ग- अक्षय तृतीया महापर्व का न केवल सनातन परम्परा में बल्कि जैन परम्परा विशेष महत्व है। इसका लौकिक और लोकोत्तर-दोनों ही दृष्टियों में महत्व है। यह दिन किसानों के लिए महत्व का दिन हैं, कुंभकारों के लिए बड़े महत्व का दिन है। शिल्पकारों के लिए भी आज बहुत महत्व का दिन है। बैलों के […]
  • महावीर जयन्ती- 4 अप्रैल, 2023ललित गर्ग भगवान महावीर सामाजिक एवं व्यक्तिक्रांति के शिखर पुरुष थे। महावीर का दर्शन अहिंसा और समता का ही दर्शन नहीं है बल्कि क्रांति का दर्शन है। उनकी क्रांति का अर्थ रक्तपात नहीं! क्रांति का अर्थ है परिवर्तन। क्रांति का अर्थ है जागृति! क्रांति अर्थात् स्वस्थ विचारों की ज्योति! क्रांति का […]
  • हनुमान जयन्ती- 6 अप्रैल 2023 पर विशेष– ललित गर्ग – आधुनिक समय के सबसे जागृत, सिद्ध, चमत्कार घटित करने वाले एवं अपने भक्तों के दुःखों को हरने वाले भगवान हनुमान हैं, उनका चरित्र अतुलित पराक्रम, ज्ञान और शक्ति के बाद भी अहंकार से विहीन था। यही आदर्श आज हमारे लिये प्रकाश स्तंभ हैं, जो विषमताओं […]
  • – योगेश कुमार गोयल‘अहिंसा परमो धर्मः’ सिद्धांत के लिए जाने जाते रहे भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन आज के समय में सर्वाधिक प्रासंगिक और जरूरी हो गया है क्योंकि वर्तमान समय में मानव अपने स्वार्थ के वशीभूत कोई भी अनुचित कार्य करने और अपने फायदे के लिए हिंसा के लिए भी तत्पर दिखाई देता है। […]
  • -डॉ. सौरभ मालवीयनवरात्र हवन के झोंके, सुरभित करते जनमन को।है शक्तिपूत भारत, अब कुचलो आतंकी फन को॥नव सम्वत् पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं।हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥ 22 मार्च से विक्रम सम्वत् 2080 का प्रारम्भ गया है। विक्रम सम्वत् को नव संवत्सर भी कहा जाता है। संवत्सर पांच प्रकार […]
  • हिंदुस्तान त्योहारों का देश है। त्योहार हमको सामाजिक और संस्कारिक रूप से जोड़ने का काम करते हैं। हमारी सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता ही भारत की अखंडता का मूल आधार है। ‘‘व्रत -त्यौहारों के दिन हम देवताओं का स्मरण करते हैं, व्रत, दान तथा कथा श्रवण करते हैं, जिससे व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक समरसता का […]
  • महाशिवरात्रि- 18 फरवरी 2023 पर विशेष-ः ललित गर्ग :- भगवान शिव भोले भण्डारी है और जग का कल्याण करने वाले हैं। भगवान शिव आदिदेव है, देवों के देव है, महादेव हैं। सभी देवताओं में वे सर्वोच्च हैं, महानतम हैं, दुःखों को हरने वाले हैं। वे कल्याणकारी हैं तो संहारकर्ता भी हैं। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि का पर्व […]
  • ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय धर्म-दर्शन में दीप का अपना अलग महत्व है। हमारे त्यौहार , दैनन्दिनी, पूजा-पाठ सभी दीपक के साथ रीतिबद्ध रहते हैं। प्रत्येक शुभ कार्य के पूर्व दीप प्रज्वलन की अनूठी परम्परा सनातन काल से चली आ रही है, जिसमें सम्भवतः हमारे पूर्वजों का इस पध्दति के पीछे का यही उद्देश्य रहा होगा […]
  • दिवाली या दीपावली हिंदुस्तान में मनाया जाने वाला एक प्राचीन पर्व है जो कि हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि दीपावली के दिन हिंदुओं के आराध्य अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस  लौटे थे। इससे पूरा अयोध्या अपने राजा […]
  • – ललित गर्ग –नवरात्रि के बाद आने वाला दशहरा का पर्व हिन्दुओं का बेहद ही खास पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना […]
  • गणेश चतुर्थी – 31 अगस्त, 2022 पर विशेष -ललित गर्ग-भगवान गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हैं। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है। […]
  • पयुर्षण महापर्व- 24-31 अगस्त, 2022 पर विशेष – ललित गर्ग –पयुर्षण पर्व जैन समाज का आठ दिनों का एक ऐसा महापर्व है जिसे खुली आंखों से देखते ही नहीं, जागते मन से जीते हैं। यह ऐसा मौसम है जो माहौल ही नहीं, मन को पवित्रता में भी बदल देता है। आधि, व्याधि, उपाधि की चिकित्सा कर […]
  • श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव-जन्माष्टमी- 19 अगस्त 2022 पर विशेष-ललित गर्ग – भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण राष्ट्रनायक हैं। श्रीकृष्ण का चरित्र एक लोकनायक का चरित्र है। वह द्वारिका के शासक भी है किंतु कभी उन्हंे राजा श्रीकृष्ण के रूप में संबोधित नहीं किया जाता। वह तो ब्रजनंदन है। समाज एवं राष्ट्र व्यवस्था […]
  • 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर विशेष आलेख भारत में वैसे तो पूरे वर्ष भर ही कई प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक त्यौहार मनाए जाते हैं परंतु रक्षाबंधन का त्यौहार विशेष महत्व का त्यौहार माना जाता है। भारतीय सनातन हिंदू धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को […]
  •  राखी के त्योहार का मतलब केवल बहन की दूसरों से रक्षा करना ही नहीं होता है बल्कि उसके अधिकारो और सपनों की रक्षा करना भी भाई का कर्तव्य होता है, लेकिन क्या सही मायनों में बहन की रक्षा हो पाती है। आज के समय में राखी के दायित्वों की रक्षा करना बेहद आवश्यक हो गया […]
  • “वासुदेव सुतं देवम कंस चाणूर मर्दनम्,  देवकी परमानन्दं कृष्णम वन्दे जगतगुरु”  श्रीकृष्ण को विश्व का श्रेष्ठतम गुरु क्यों कहा जाता है?  शिष्य अर्जुन की खोज के कारण?  अर्जुन को कुरुक्षेत्र में ईश्वर का विराट रूप दिखा देने के कारण?  महाभारत के रणक्षेत्र में श्रीमद्भागवद्गीता रच देने के कारण?  या कथनी और करनी में भेद न […]
  • ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ तथा ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ सहित कई संस्थाओं द्वारा लंबे समय से भारत देश के नाम के साथ लगे ‘इंडिया’ नाम को हटाने के लिए मांग की जाती रही है। जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज द्वारा भी इस मांग को रखा गया है।इस संबंध में ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ तथा ‘जनता की […]
  • छोटी कक्षाओं से ही हम सभी यह पढ़ते आए हैं कि ‘जल ही जीवन है।’ और ‘जल है तो कल है”, लेकिन विडंबना की बात यह है कि बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह बात कदापि नहीं भूलनी चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। यह ठीक है […]
  • फूलदेव पटेलमुजफ्फरपुर, बिहार कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. कृषि से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कृषि व वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत हिस्सा रहा है. देश-दुनिया में अनेक प्रकार के रोजगार के साधन हैं, लेकिन उन सभी संसाधनों को ठोस […]
  • नशा नाश का प्रमुख कारण है। आज के समय नशा हमारे देश की जड़ों को लगातार खोखला कर रहा है। युवा पीढ़ी आज नशे के गर्त में डूबती चली जा रही है। इस संबंध में, कुछ समय पहले ही पंजाब हाइकोर्ट ने भी यह बात कही है कि नशे की तस्करी न सिर्फ व्यक्ति बल्कि […]
  • इस साल के, अरब सागर में आए, पहले चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने फिलहाल काफी गंभीर सूरत धारण कर ली है।  लेकिन इसी बीच राहत की बात ये है कि मानसून कुछ दिनों की देरी से कल केरल पहुंच गया।  मगर हां, चक्रवात की वजह से मॉनसून  की गति पर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, इसके […]
  • विश्व पर्यावरण दिवस (05 जून) पर विशेषडॉ. संतोष सारंगमुजफ्फरपुर, बिहार ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार घातक कारकों में सड़कों पर दौड़ाने वाले वाहनों की बेतहाशा बढ़ती संख्या एक प्रमुख कारक है. सार्वजनिक वाहनों को छोड़ कर जानलेवा व दूषित कणों को उत्सर्जित करने वाली निजी गाड़ियों का उपयोग लोगों का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा […]
  • सिमरन कुमारीमुजफ्फरपुर, बिहार बाल विवाह हमारे देश व समाज के लिए दंश है. कम उम्र में ही लड़कियों को विवाह के सूत्र में बांधकर उसके तन-मन और भविष्य से खिलवाड़ आज भी कुछ पिछड़े व गरीब समाज में व्याप्त है. इन लड़कियों से उनके जीने का अधिकार छीना जा रहा है. कम उम्र में शादी […]
  • दूध का मनुष्य जीवन में सदियों सदियों से बहुत ही महत्वपूर्ण व अहम स्थान रहा है, क्यों कि दूध ही एक ऐसा पदार्थ है जो जन्म के बाद मनुष्य का सबसे पहला भोजन होता है, इसलिए दूध की जीवन में अपनी महत्ता रही है‌।नवजात शिशु के लिए मां का दूध सभी पोषक तत्वों और प्रतिरोधक […]
  • हे सरदारों के सरदार! राजाओं के राजा तथा भारत उद्यान की क्यारियों के माली व्यवस्थापक। हे रामचन्द्रजी के ह्रदय के चैतन्य अंश! तुमसे क्षत्रियों की ग्रीवा गौरव से ऊँची है l तुमसे बाबर वंश की राज्य लक्ष्मी अधिक प्रबल हो रही है। तुम्हारा भाग्य तुम्हारा सहायक है। भाग्य के युवक और बुद्धि के बूढ़े जयशाह […]
  • अनाज उत्पादन के मामले में भारत विश्व का एक आत्मनिर्भर देश है और आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के किसान अपनी जरूरत से कहीं अधिक अनाज पैदा करते हैं‌। आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार वर्ष  2021-22 में भारत में कुल अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन हुआ। इसके अलावा जानकारी देना चाहूंगा कि प्रथम […]

All Credits goes to…

www.Pravakta.com