जेने सोनल चरणोनी आस एने आवे न उनी आंच
पछी जगनी जुठी मोह मायामां मनडुं भरे नही डांच रे
जेने सोनल चरणोनी आस…
जुवो आजे रतडीये हांसबाइ मात बिराजे (२)
एना मुखपर श्री सोनल निवास रे
जेने सोनल चरणोनी आस…
गाम भाडा भगत श्री शीवराज वसे छे (२)
थइने सोनल चरणोनां दास रे
जेने सोनल चरणोनी आस…
जुवो आजे मढडे बनुआइ मात बिराजे (२)
जेना मुखपर रमती सोनल रास रे
जेने सोनल चरणोनी आस…
तुं "महेशदान" दर्शन कर नित प्रभाते (२)
नीसरे सोनल सुरज थई नित आकाश रे
जेने सोनल चरणोनी आस…
रचना = महेशदान गढवी
Typing By - Ram B. Gadhavi (नविनाळ-कच्छ)
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